बिहार अब वक डेस्क। पटना।
बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला इस बार 25 नवम्बर को शुरू हो रहा है। कुल 32 दिनों तक चलने वाले इस मेले का समापन 26 दिसंबर को होगा। इसके लिए शासन प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मालूम हो कि यह मेला बड़े पशु मेले के रूप में भी जाना जाता है। यहां हाथी, घोड़े, पक्षी समेत कई तरह के मवेशी प्रदर्शन के लिए आते हैं। लकड़ी के फर्निचर और लोहे से बने घर-रसोई में काम आने वाले सामान भी यहां बहुतायत में मिलते हैं। थिएटर समेत मनोरंजन के साधन में मेले में उपलब्ध रहेंगे।
इस बार खास बात यह है कि मेले में आने वालों लोगों के सामने प्रदर्शन के लिए बिहार म्यूजियम 25 खास कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के खास मेलों में पुरातात्विक धरोहरों से जुड़ी कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत सोनपुर मेले से की जा रही है। बिहार म्यूजियम सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन प्रसिद्ध कलाकृतियों में यक्षिणी की मूर्ति के साथ ही पत्थर और ब्रांज की मूर्तियां शामिल हैं। इसकी प्रतिकृति बिहार म्यूजियम ने बनवाई है। राज्य में जो भी बड़े मेले भव्य आयोजन होंगे, इसमें इसे लगाया जाएगा। ताकि लोग म्यूजियम के प्रति आकर्षित हों। जो लोग बिल्कुल नहीं आ सकते हैं, वे विभिन्न बड़े मेलों या बड़े आयोजनों में खास कलाकृतियों को देख सकेंगे।
संग्रहालय सूत्रों के मुताबिक जिन 25 कलाकृतियों को मेलों में भेजा जाएगा, उससे जुड़ी जानकारी भी लोगों से साझा की जाएग़ी। लोगों को बताया जाएगा कि बिहार म्यूजियम में और किस तरह की मूर्तियां, पेटिंग आदि हैं। इसके लिए तीन पेज का फोल्डर दिया जाएगा। इन कलाकृतियों में दीदारगंज की यक्षिणी, मानव धढ़, सालभंजिका, बोधिसत्व, क्रीड़ारत नायिका, पालकालीन बुद्ध, मैत्रेय बुद्ध, पालकालीन विष्णु, आठवीं शताब्दी की तारा,उमा महाश्वेर,डांसिंग गर्ल, लाफिंग गर्ल, नौ ग्रह आदि शामिल होंगी।